दंगाई भीड़ पर बरपा सीएम योगी का गुस्सा, कहा कार्यक्रम जारी रखो
अधिकारों की मांग करना और और उनके रक्षण के लिए शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करना जायज है, लेकिन अगर दबाव डालकर, हथियारबंद होकर पत्थरबाजी करके सामान्य मानविकी को खतरे में डाला जाता है तो यह केवल दंगा कहा जाएगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हालातों पर बयान जारी करते हुए प्रदेश की जनता को जानकारी दी कि किसी भी हालत में प्रदेश की शांति को दंगाइयों के हाथों में नही जाने दिया जाएगा और जो भी लोग दंगा फैलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल है उन्हें किसी भी स्थिति में बख्शा नही जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के उन 6 जिलों के प्रशासन से जुड़े हुए अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि आपने त्वरित रूप से सतर्कता दिखाते हुए दंगों पर काबू पाया लेकिन इसे यही छोड़ना भूल साबित होगी, प्रदेश में दंगाई सोच को नेस्तोनाबूद करने के लिए ऐसे असमाजिक तत्वों को चिन्हित करके उनसे बलवे के के दौरान हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी।
कल जिन 06 जनपदों में घटनाएं घटित हुई हैं, वहां आप लोगों ने तत्काल शांति बहाल की है।
मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि आप लोग इन परिस्थितियों को स्थायी रूप से संभालने का काम करेंगे। उपद्रवी तत्वों पर प्रभावी कार्रवाई करेंगे: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/qH32ZJcN8w— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) June 11, 2022
सोशल मीडिया पर कसेगी नकेल:
योगी आदित्यनाथ ने मीडिया में जारी किए गए बयान में अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए बताया कि वर्तमान समय मे सोशल मीडिया लोगों की भावनाओं को भड़काने में एक बड़ा साधन बन रहा है इसलिए सोशल मीडिया पर जिला स्तर और रेंज स्तर के साथ-साथ प्रदेश स्तर पर मॉनिटरिंग लगातर जारी रहनी चाहिए ताकि भड़काऊ और आपत्तिजनक विषयवस्तु पर समय रहते कठोर कदम उठाए जा सकें।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जनपद स्तर, रेंज स्तर व जोन स्तर पर मॉनिटरिंग हो एवं शासन स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा हो।
प्रत्येक गतिविधि को मजबूती के साथ संज्ञान में लें।
कानून को हाथ में लेने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ सख्ती के साथ निपटें: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/eCd1fa8Jr4 — CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) June 11, 2022
भड़काऊ भाषण की अनुमति किसी को नहीं:
अपने बयान में मुख्यमंत्री ने बेहद साफ लहजे में कहा कि किसी भी व्यक्ति आम और खास को भड़काऊ बयानबाजी करने की अनुमति नही है, ज्ञात हो कि इस बवाल की शुरुआत बयानबाजी को लेकर ही शुरू हुई थी जिसमें भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा और अन्य दूसरे समुदाय के लोगों का नाम सामने आया था, जिसके बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन का रूप बदल कर दंगों में परिणित होने लगा।