Lucknow PUBG हत्याकांड: थ्योरियों का दौर चला, अब सामने आया कथित पूरा सच

लखनऊ के चर्चित माँ हत्याकांड में पुलिस शुरुआत से ही आरोपी नाबालिग बेटे को गेम एडिक्ट होने की थ्योरी बता रही थी लेकिन नाबालिग ने हत्या को लेकर पहले ही सूत्र दिए थे लेकिन पुलिस इसकी पड़ताल ही नही कर रही थी, दूसरे शब्दों में समझें तो पुलिस तीसरे व्यक्ति को मामले में सामने लाने से बच रही थी। हालांकि अब बाल सुधार गृह में बंद नाबालिग ने परिजनों से मुलाकात के बाद सबकी पोल खोल दी है, और ऐसा घिनौना सच निकल कर सामने आया है, जिसे बर्दास्त करना बेहद मुश्किल है।

Jun 18, 2022 - 21:44
Jun 18, 2022 - 21:45
 0  446
Lucknow PUBG  हत्याकांड: थ्योरियों का दौर चला, अब सामने आया कथित पूरा सच
Lucknow PUBG Murder Case

पिता फ़ौज में पत्नी आनंद तलास रही:

अब इसे विडंबना ही कहा जाए तो कोई बड़ी बात नही होगी, एक पिता जो अपनी पत्नी और बच्चों की परवरिश के लिए जान हथेली पर लेकर देश सेवा में जुटा हुआ है, उसपर पत्नी के दुष्चरित्र ने पति को न सिर्फ चुप रहने पर मजबूर किया बल्कि इसके बावजूद भी पत्नी पति से वो सारे लाभ अधिकार रूप से प्राप्त करती रही जो आम पत्नी को न्यायिक रूप से मिलते है। 

इस मामले की असल तह तक पहुंचने के लिए हमें पिछले सभी घटनाक्रम को समझना होगा

ज्ञात हो कि बीती 4 जून की रात को लखनऊ स्थित एक फौजी की पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली मार कर हत्या कर दी गयी, हत्या में घर मे रखी हुई लाइसेंसी रिवाल्वर का इस्तेमाल किया गया, पुलिस ने सबसे पहले घर मे उपस्थित नाबालिग बेटे से पूछताछ की और जानकारी मिली कि बेटे ने ही माँ साधना की गोली मारकर हत्या की थी। खैर पुलिस ने इसमें थ्योरी गढ़ना शुरू किया, कभी PUBG न खेलने देने पर बेटे ने माँ को गोली मारी तो कभी खुन्नस में आकर गोली मारी जैसे तर्कों को पेश किया गया, दरअसल ऐसे आरोप भी लगे कि मामले की जांच में जुटी हुई पुलिस कभी इस हत्याकांड को उजागर करना ही नहीं चाहती थी, चूंकि मामला नाबालिग द्वारा की गई हत्या से जुड़ा हुआ था, इसलिए शुरुआत से ही इस मामले में गुमराह करने के अवसर मिलते रहे। 

हत्या नाबालिग द्वारा हुई लेकिन वजह कुछ और थी:

पुलिस ने जब PUBG एडिक्ट होने के आरोप नाबालिग पर लगाये तो मीडिया द्वारा हत्यारोपित नाबालिग के कई दोस्तो से बातें की गई, लेकिन किसी ने यह पुष्टि नही की कि नाबालिग PUBG गेम का एडिक्ट है, बल्कि वह तो आउटडोर गेम्स का शौकीन है, जिसमे क्रिकेट मुख्य है।

पब्जी खेलने की वजह को न तो परिजन स्वीकार कर पा रहे है ना ही मित्र मंडली के अलावा अन्य लोग, जब परिजन आरोपी नाबालिग से बाल सुधार गृह में मुलाकात करके लौटे है तो एक नया राज सामने आया है और हत्या के पीछे के सभी कारण और इससे जुड़े हुए सभी लोग कथित रूप से सामने आये है।  हालाँकि पुलिस इस पक्ष पर न तो सुनने को तैयार है और न ही अमल की मंशा पर है, आरोप तो यह लग रहे है कि पुलिस इस हत्याकांड का असल राज इसलिए नही खोल पा रही है क्योंकि इस मामले में एक ऐसा व्यक्ति आरोपी है जो न सिर्फ मालदार है बल्कि बेहद पावरफुल भी है

हत्या में छुपा है बड़ा राज:

परिजनों ने नाबालिग बेटे से मुलाकात के बाद पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि इस घटना की शुरुआत लगभग एक साल पहले ही शुरू हो चुकी थी जब शहर के ही एक बड़े बिल्डर का साधना के साथ जुड़ाव हुआ और यह जुड़ाव इस कदर आगे बढ़ गया था कि माँ साधना बिल्डर से लगभग हर दिन मिलने लगी थी और कभी-कभी तो बिल्डर मृतक को घर के दरवाजे तक छोड़ने के लिए आता जाता था, इसको लेकर आरोपी नाबालिग काफी परेशान रहने लगा, पहले उसे इस संबंध की कोई खास पहचान नही थी लेकिन कानाफूसी के जरिये उसे यह बात समझ मे आने लगी और नागवार गुजरने लगी। उसने आसनसोल में तैनात पिता नवीन को अपनी माँ की करतूतों के बारे में विस्तार से बताया और माँ और बिल्डर के बीच फोन पर हुई कुछ आपत्तिजनक काल रिकार्डिंग को सुबूत के तौर पर भेजा, पिता ने इस सुबूत को पुख्ता माना और दोनो ने साधना पर नजर रखनी शुरू कर दी। 

इसी प्लानिंग के जरिये पिता नवीन ने आरोपी बेटे और बेटी को रिश्तेदारी में भेज दिया तो साधना ने इसे सुनहरा अवसर माना और बिल्डर को रात में अपने घर पर बुलाने लगी, यहां आपको बताते चले कि बिल्डर कई रातों तक साधना के साथ घर मे आता-जाता रहा और इस सबकी जानकारी फौजी पति को मिलती रही। 

पिता नवीन ने इस घटनाक्रम के बारे में बेटे से कहा कि अगर मैं वहाँ पर होता तो बिल्डर और साधना दोनो को मौके पर ही ठोक देता, लेकिन अब तुम वहां पर हो, अब तुम्हारी मर्जी है तुम समझो तुम्हें क्या करना है और यहीं से शुरू हुई मर्डर की कहानी। 

हत्या के कुछ दिनों पहले बिल्डर द्वारा आरोपी की माँ साधना को एक बड़ा गिफ्ट भी दिया गया था जिसको लेकर आरोपी ने माँ से सवालात किये जो माँ साधना को नागवार गुजरे और बीती 3 जून को साधना ने बेटे की निर्दयता पूर्वक पिटाई की, हालांकि घर के काम जबरन कराने को लेकर साधना पहले भी मारपीट कर चुकी थी और बेटे को घर मे मजदूरों की हैसियत से रखने की कोशिश करती थी। इसी बात पर नाराज होकर आरोपी नाबालिग ने साधना को सबक सिखाने की सोची और पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से सिर पर गोलियां दाग दी। 

आरोपों के अनुसार पुलिस किसी भी सूरत में बिल्डर के नाम को सामने नही लाना चाहती, इसलिए ज्यादा चांस यह भी है कि बिल्डर को बचाने के चक्कर मे मामले को रफा-दफा कर दिया जाए। 

डिस्क्लेमर: इस लेख में दिए गए तथ्य आरोपी नाबालिग के परिजनों के दावों के अनुसार है, उदय बुलेटिन किसी भी दावे की सत्यता की दावेदारी नही करता है

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध