भाजपा महिला नेता और जिला पंचायत सदस्य की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु
बाँदा की राजनीति में उस वक्त हड़कंप की स्थिति हो गयी जब बाँदा के जसपुरा क्षेत्र की दिग्गज भाजपा महिला नेता श्वेता सिंह गौर की मौत की खबर सामने आई, हालांकि खबर लिखे जाने तक मृत्यु के कारणों की जानकारी उपलब्ध नही हो पाई है
27 अप्रैल के दिन जसपुरा क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य और भाजपा नेता श्वेता सिंह गौर अपने आवास ( इंदिरा नगर बाँदा) पर फांसी के फंदे पर लटकी पाई गई, परिजनों द्वारा जब श्वेता के शव को फंदे पर लटकता हुआ देखा गया तो स्थानीय पुलिस को सूचित किया, घटनास्थल पर पुलिस के आला अधिकारियों ने पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर शव का पंचनामा कराया और शवगृह में रखवा दिया, ताकि आगे की कार्यवाही हो सके।
मौत का कारण अज्ञात, पति भाजपा नेता दीपक सिंह गौर फरार:
हालांकि अभी तक मौत की कोई ठोस वजह सामने नही आई है, लेकिन श्वेता सिंह गौर के पति एवं भाजपा नेता दीपक सिंह गौर घटना स्थल से फरार है, इससे यह मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है, ज्ञात हो कि मृतक श्वेता सिंह गौर बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है जबकि उनके पति दीपक सिंह गौर, पूर्व डीआईजी राजबहादुर सिंह गौर के बेटे है और राजनीति में अच्छी खासी पकड़ है। विवाह के बाद श्वेता सिंह को भी परिवार ने राजनीति में आगे कर दिया, जिसके बाद श्वेता सिंह गौर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जीती।
परिजन मामले पर चुप्पी साधे हुए है:
घटनास्थल से पति दीपक सिंह गौर के फरार होने और मामले पर दोनो पक्ष के परिजन कुछ भी कहने से बच रहे है, हालाँकि लोगों का कयास यह है कि यह घटना निजी और पारिवारिक कलह को लेकर हुई है, लेकिन जब तक मामले में कोई पुख्ता सबूत सामने नही आता तब तक कुछ भी कहना ठीक नही रहेगा।
फेसबुक पोस्ट कर रही खुलासा:
इस मामले पर एक विशेष जानकारी तब मिलती है जब आप श्वेता सिंह गौर की सोशल मीडिया (फेसबुक ) की पोस्ट पर नजर डालते है, दरअसल बीते दिन ही श्वेता सिंह गौर ने इस मामले से जुड़ी हुई पोस्ट डाली थी। श्वेता ने अपनी पोस्ट में लिखा था "घायल नागिन, घायल शेरनी और अपमानित स्त्री से डरना चाहिए"
इस पोस्ट को गौर करने पर पता चलता है कि श्वेता सिंह गौर की पिछली पोस्ट्स इस पोस्ट से बिल्कुल मेल नही खाती, बल्कि सामान्य पोस्ट से हटकर यह पोस्ट काफी कुछ कह जाती है।
फूंक-फूंक कर कदम रख रही स्थानीय पुलिस:
अगर पुलिसकर्मियों की माने तो मामला हाई प्रोफाइल है इसलिए अधिकारी भी मामले में बेहद सावधानी बरत रहे है और इस मामले पर मीडिया से कुछ भी बोलने से बच रहे है।