कोरोना के बाद भी नहीं सुधरा चीन, लैब में बनाये वैंपायर चूहे अब इंसानों को अमर बनाने के लिए कर रहा शोध

पूरी दुनिया भर में कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस को चीन ने वुहान की एक लैब में तैयार किया था। कोरोना वायरस सबसे पहले दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में मिला जो देखते ही देखते पूरी दुनिया में फ़ैल गया। इस वायरस से अब तक लाखों लोगों की मौत हो गयी और कई देशों की अर्थव्यवस्था तबाह हो गयी। इंसानियत पर इतना जुल्म करने के बाद भी चीन सुधरने का नाम नहीं ले रहा। अब चीन ने अपनी एक लैब में वैंपायर चूहे तैयार किये हैं।

Jun 3, 2022 - 22:23
Jun 3, 2022 - 22:23
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कोरोना के बाद भी नहीं सुधरा चीन, लैब में बनाये वैंपायर चूहे अब इंसानों को अमर बनाने के लिए कर रहा शोध
चीन ने लैब में बनाए वैंपायर चूहे

चीन अपने अजीबोगरीब प्रयोगों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है। इस बार चीनी वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसा किया है जो बेहद हैरान करने वाला है और ये प्रकृति के साथ बड़ा खिलवाड़ साबित हो सकता हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार चीनी वैज्ञानिकों 'वैम्पायर चूहे' तैयार किये हैं। इससे चूहे में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया उलटी होती देखी गई है। चीनी वैज्ञानिकों ने युवा चूहे के खून को बूढ़े चूहे के शरीर में इंजेक्ट कर दिया इससे बूढ़े चूहे को अधिक समय तक जीवित रहने में मदद मिली। इसके लिए दोनों चूहों के परिसंचरण तंत्र को शल्य चिकित्सा से जोड़ा गया। चीनी वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया के माध्यम से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी जुटाई।

चीनी वैज्ञानिकों का यह शोध पिछले महीने सेल स्टेम सेल जर्नल में प्रकाशित हुआ था। शोध पत्र में हेटरोक्रोनिक पैराबायोसिस (एचपी) नामक एक तकनीक का उल्लेख किया गया है, जो उम्र बढ़ने से रोकने के लिए युवाओं के रक्त की शक्ति का लाभ उठाकर काम करती है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वैज्ञानिक 1950 से एचपी तकनीक के बारे में जानते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि युवा रक्त वृद्ध शरीर को 'यौवन' में लाने में कैसे काम करता है, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है। उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान शरीर में मौजूद कई ऊतक और अंग धीरे-धीरे कमजोर हो जाते हैं। इससे शरीर की क्षमता कम हो जाती है।

इस शोध में क्या निकला?

इस शोध में, चीनी वैज्ञानिकों ने चूहों की केवल एक कोशिका पर "एचपी" तकनीक का इस्तेमाल किया। इससे उम्र बढ़ने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। वैज्ञानिकों ने इस तकनीक के माध्यम से उम्र बढ़ने और शरीर में बदलाव लाने वाले तंत्र का पता लगाने के लिए पांच साल तक काम किया। इस दौरान सात अंगों में 1,64,000 से अधिक कोशिकाओं को अलग किया गया और उनकी तुलना की गई। शोध ने एकल-कोशिका वाले पुराने और युवा चूहों में सेलुलर और आणविक परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्रदान की। वैज्ञानिकों ने पाया कि जब पुराना खून चूहे के शरीर में पहुंचता है तो यह कई अंगों की उम्र बढ़ने की दर को तेज कर देता है। जबकि युवा रक्त पुराने चूहे के अंगों को युवा जैसा बना देता है।

हालांकि, चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि एचपी जैसी तकनीकों को युवा होने के लिए प्रभावी दवाओं के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। लेकिन ऐसी 'वैम्पायर' तकनीक से पुराने खून में मौजूद उन अवरोधकों का पता लगाया जा सकता है, जिन्हें उम्र बढ़ने से रोकने के लिए नियंत्रित किया जा सकता है। 

चीन के इस शोध पर क्यों उठ रहा सवाल?

चीन पर आरोप हैं कि उसने वुहान की लैब में कोरोना वायरस को तैयार किया था, जो गलती से पूरी दुनिया में फैल गया। हालांकि चीन लगातार इस बात से इनकार करता रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम भी जांच करने वुहान गई थी, लेकिन चीन ने सबूत मिटा दिए। ऐसे में अब दुनिया भर के देश चीन के इस प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठा रहे हैं।