सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बिफरा देश, लोग बोले कोर्ट का निर्णय असंतुष्ट करने वाला

यहां हम पहले ही साफ करना चाहेंगे कि अपनी इस रिपोर्ट में हम माननीय सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को नष्ट करने का काम नही कर रहे है, चूंकि हम लोकतंत्र के जिम्मेदार स्तंभ है इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम जनता के बीच होने वाले रिएक्शन को देश-दुनिया के सामने रखें, ताजा मामला पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा से जुड़ा हुआ है, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश महोदय ने तल्ख टिप्पणी की है

Jul 3, 2022 - 00:24
Jul 3, 2022 - 00:24
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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बिफरा देश, लोग बोले कोर्ट का निर्णय असंतुष्ट करने वाला
डच संसद के सदस्य ने भी भारतीय सुप्रीम कोर्ट के ऊपर तंज कस दिया है

ये तो ठीक वही कहावत हो गयी कि दुबे जी गए थे चौबे बनने और छब्बे बनकर लौट आये, दरअसल बीते दिनों में पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा एक टीवी डिबेट में पैगंबर मुहम्मद साहब के निजी जीवन पर विवादित बयान देने के बाद पूरे देश में बवाल कट गया और इस पर बड़ा एक्शन लेते हुए भाजपा ने इन्हें निष्कासित कर दिया, बयान के बाद देशभर में कई जगहों पर नूपुर शर्मा पर मुकदमे भी पंजीकृत हो गए और नूपुर शर्मा ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत एक याचिका दायर की, याचिका में नूपुर ने मांग कर दी कि जिस तरह की घटनाएं बीते दिनों हुई है उसको लेकर वह समुदाय विशेष से असुरक्षित महसूस कर रही है और दर्ज की गयी एफआईआर पर अपनी सुनवायी के लिए देश भर में नही पहुँच सकती, इसलिए इन सभी एफआईआर को एकीकृत कर दिया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीश इस मांग को लेकर बिफर गए और देशभर में पैदा हुए हालात के लिए नूपुर शर्मा को दोषी घोषित कर दिया, देश के टेलीविजन पर सार्वजनिक माफी की सलाह भी दे दी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के इस वक्तव्य को लेकर देशभर से प्रतिक्रिया आने लगीं, लोगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिना पक्ष को सुने हुए जिस तरह का फैसला सुनाया है वह अपने आप मे पहली बार हुआ है, लोगों ने यह भी कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अनर्गल बयानबाजी के मामले नही सुने है क्या ?

वाराणसी से भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अपना पक्ष रखा है सुप्रीम कोर्ट से सवाल पूँछे है

देश मे होने वाली हिंसा के लिए दोषी ठहराया: 

सबसे हैरान करने बाली बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति अनर्गल बयान देता है तो जाहिर तौर पर यह उसका निजी बयान होता है और बयान के बाद जो विरोध होता है वह भी उसी व्यक्ति के लिए होता है, लेकिन अगर कोई उस बयान का समर्थन कर दे और उसकी ह्रदय विदारक हत्या हो जाये तो उस हत्या के लिए बयान देने वाला दोषी कैसे साबित हो जाता है, ये विषय चर्चा का विषय है, जानकारों की माने तो ऐसे मामले बहुतायत में मिल जाएंगे, भारतीय राजनीति बयानबाजी का अखाड़ा है, जिसमें कभी पांच मिनिट के लिए पुलिस हटाने पर हिन्दुओं को देख लेने वाली बात खुलेआम कही जाती है तब भी सुप्रीम कोर्ट इस तरह मुखर होकर बयानबाजी नही करता और दोनो पक्षों को सुनकर अपना फैसला देता है, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अपनी रवायत से आगे बढ़कर निकलता हुआ नजर आया

मनोज मुंतशिर ने अपने विचार कुछ इस प्रकार रखे है

फेमश यूटूबर और पूर्व कमर्शियल पायलट गौरव तनेजा ने भी सुप्रीम कोर्ट के बयान को लेकर असहमति दर्ज कराई है, गौरव तनेजा ने कहा कि भारत के लिए यह काला दिन है,  जहां पर सुप्रीम कोर्ट ने हत्या को जायज करार देने का काम किया है

लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के बयान पर तंज कसना भी शुरू कर दिया है और कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट की राय माने तो अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुए हमले के लिए राइट ब्रदर्स भी गुनहगार ही होंगे

अब बात देश तक सीमित नही रही, डच संसद के सदस्य ने भी भारतीय सुप्रीम कोर्ट के ऊपर तंज कस दिया है

नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्‍डर्स ने कहा मुझे लगा कि भारत में शरिया अदालतें नहीं हैं।

मुहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए उन्हें कभी माफी नहीं मांगनी चाहिए। वह उदयपुर के लिए जिम्मेदार नहीं है। कट्टरपंथी असहिष्णु जिहादी मुसलमान जिम्मेदार हैं और कोई नहीं। नुपुर शर्मा एक हीरो हैं।

लोग सुप्रीम कोर्ट से हो रहे है असहमत:

अगर सोशल मीडिया पर नजर डालें तो लोग सुप्रीम कोर्ट के इस बयान को लेकर सकते में है, लोगों के द्वारा खुलेआम यह कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट रायचंद कब से बन गया, अगर सुप्रीम कोर्ट को कोई नसीहत देनी थी तो उसे पहले सभी पहलुओं को गौर से समझना था और हत्या को जस्टिफाई करने से बचना था

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध