कितना आसान है धर्म पर चोट पहुँचाना, मजाल क्या की कोई आवाज उठ जाए
लाली शॉर्ट फिल्म में माँ काली को सिगरेट पीते हुए दिखाना क्या सनातन धर्म का अपमान नहीं है क्या इससे धार्मिक भावनाएँ आहत नहीं होती ?
अगर आप दुनिया मे होने वाली घटनाओं पर नजर रखते है तो बीते दिनों भारत और दुनिया मे होने वाली धार्मिक हिंसा के बारे में समझ रखते होंगे, ईश निंदा के नाम पर दुनिया और देश मे सर कलम कर दिए गए, हालाँकि ये सारे विवाद धर्म विशेष के नाम पर हुए, लेकिन अगर आप सनातन धर्म पर कीचड़ उछालते है या कोई आपत्तिजनक फ़िल्म बनाते है तब कोई खास विवाद नहीं होगा, क्योंकि सहिष्णु होने के नाते आपको अपने कल्चर की कुर्बानी देनी होती है, ताजा मामला एक फ़िल्म काली से जुड़ा हुआ है, जिसकी जिसका निर्माण जुबैर समर्थक लीना ने किया है, हालांकि अब समाज मे विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
शॉर्ट फिल्म को लेकर मचा है बवाल:
सोशल मीडिया पर उस वक्त हड़कंप की स्थिति हो गयी जब एक शॉर्ट फ़िल्म का पोस्टर जारी किया गया और बवाल आखिर क्यों हुआ इसको आप पोस्टर की झलक से ही बिना बताए जान सकते है, दरअसल काली नाम की इस शॉर्ट फ़िल्म में शक्ति स्वरूपा काली देवी की तस्वीर को शॉर्ट फ़िल्म का मुख्य आधार बनाया गया है, हालाँकि यह फ़िल्म देवी देवताओं पर आधारित है या नहीं इसका अंदाजा तो नही है लेकिन पोस्टर में देवी काली को एक झंडा लिए हुए दिखाया गया है जो कि एलजीबीटी समुदाय को प्रदर्शित करता है।
हालांकि ऐसा नही कि लोगों को एलजीबीटी समुदाय से कोई आपत्ति है या देवी देवता के तस्वीरें असहज करती है लेकिन समस्या यह है कि देवी को पोस्टर में सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है, हालाँकि इस शॉर्ट फिल्म में यह चित्र किस संदर्भ ले बनाया गया है इसका अंदाजा तो नही है लेकिन लेकिन देवी के इस अपमान को लेकर नेटिजन्स भड़के हुए है।
लोगों का आरोप है कि वैश्विक समुदाय के अगर आंकड़े उठाये जाए तो जहां दुनिया मे धर्म के नाम पर लोगों की गर्दने काटी जाती है, कहीं कहीं ईश निंदा के नाम पर महिलाओं और बच्चों को गोलियों से भून दिया जाता है उसी वक्त में भारत मे यह आजादी है कि कभी आप देवी देवताओं का मजाक बनाइये कभी इनकी नंगी तस्वीरें बना डालिये या फिर इच्छा करे तो शक्ति की आराध्य देवी काली को सिगरेट पीते हुए दिखा दीजिये, लेकिन आपको कोई कुछ नही करेगा।
Super thrilled to share the launch of my recent film - today at @AgaKhanMuseum as part of its “Rhythms of Canada”
Link: https://t.co/RAQimMt7Ln
I made this performance doc as a cohort of https://t.co/D5ywx1Y7Wu@YorkuAMPD @TorontoMet @YorkUFGS
Feeling pumped with my CREW❤️ pic.twitter.com/L8LDDnctC9 — Leena Manimekalai (@LeenaManimekali) July 2, 2022
आखिर कौन है लीना?
लीना को लेकर समुदाय में विरोध इसलिए भी हो रहा है कि इससे पहले भी कई बार लीना पर आरोपी लोगों का समर्थन करने का आरोप लगता रहा है, लीना ने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को एक कवियत्री, विचारक और फ़िल्म निर्माता के तौर पर दर्शाया है, हालाँकि यह फ़िल्म लीना के करियर को कहां तक ले जाएगी इसका अंदाजा नही है, लेकिन लीना सरकार और सामाजिक मुद्दों पर बेतरतीब होकर राय रखती हुई नजर आती है।
लीना जुबैर की समर्थक है इसका अंदाजा एक ट्वीट से ही लगाया जा सकता है
Is BJP building new prisons? Or the plan is to turn the entire country into one large prison? Waking up to arrests of journalists and human rights activists everyday is horror to the power infinity.
Release @zoo_bear now???????? — Leena Manimekalai (@LeenaManimekali) June 27, 2022
लोगों ने कहा सस्ती लोकप्रियता पाने का सरल साधन:
हालाँकि लोग इसे एलजीबीटी समुदाय को लेकर बनने वाली शार्ट फ़िल्म कम खुद को इस विधा में स्थापित करने की कोशिश ज्यादा मान रहे है, लोगों का मानना है कि लीना इस तरह के पब्लिसिटी स्टंट करके लोगों के विचारों के साथ खेल रही है, वैसे भी लोगों का यह मानना है कि चाहे नाम हो या बदनाम पहचान दोनो में ही मिलती है।
लेकिन अगर इस मामले को दूसरे तरीके से देखा जाए तो क्या भारत की न्याय प्रणाली लीना को भी इस कृत्य के लिए मार्गदर्शन दे सकती है, क्योंकि नूपुर शर्मा के बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी झड़प लगाई थी, चूंकि लीना का काम इससे भी ज्यादा खतरनाक और भयावह है देखना यह है कि सरकार और पुलिस लीना पर क्या कार्यवाही करती है।