कुकुरमुत्तों की तरह उगते एटीएम बन रहे लोगों के लिए खतरा, हो रहा आर्थिक नुकसान
"लोग तकनीकी का इस्तेमाल सुविधा के लिए करते है, लेकिन अगर यही सुविधा जी का जंजाल बन जाये तो सवाल खड़े होते है, ताजा मामला उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से जुड़ा हुआ है जहां पर ग्राहक को एटीएम मशीन इंडिया वन द्वारा लगातार कम पैसे निकाले जाने का मामला सांमने आया है"
इसे जालसाजी न कहा जाए तो क्या कहना उचित होगा, दरअसल उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांव चितहरी निवासी देवीचरण त्रिपाठी के पुत्र नीलेश त्रिपाठी ने महोबा के उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन ( रोडवेज) के पास में हनुमान मंदिर परिसर में लगे हुए इंडिया वन एटीएम से रुपये निकालने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डेबिट कार्ड का प्रयोग किया , अमाउंट डालते समय उपयोगकर्ता ने पहले से प्रोग्राम 4000 रुपये का चयन किया लेकिन जब एटीएम द्वारा प्रोसेस करके पैसे बाहर निकाले तो केवल 3500 रुपये निकले
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भारत मे कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे एटीएम, लगा रहे ग्राहकों को चूना, 4000 की जगह एटीएम से निकल रहा मात्र 3500 रुपये
उत्तर प्रदेश के महोबा से जुड़ी हुई है घटना, जहां पर इंडिया वन एटीएम में हो रहा फ्राड pic.twitter.com/FIDHeKUtsk — Uday bulletin bundelkhand region (@udaybundel_) May 2, 2022
हालांकि इस बार निकासी करने वाले नीलेश त्रिपाठी ने सोचा कि यह एक तकनीकी गलती हो सकती है और इसकी पुष्टि और सुबूत इकट्ठा करने के लिए नीलेश ने दोबारा पैसे निकालने का निर्णय किया और इस बार स्मार्टफोन की मदद से वीडियो भी बनाया , जिसमे साफ साफ देखा जा सकता है कि पूरी प्रक्रिया होने के बाद यूजर को महज 3500 रुपये प्राप्त हुए
कौन है जिम्मेदार?
इस मामले पर जब उपयोगकर्ता ने एटीएम संचालक और इस एटीएम के हुई गड़बड़ी के बाबत शिकायत करने की सोची इस पर न तो वहां कोई एटीएम संचालक, गार्ड भी उपस्थित नही था, चूंकि इंडिया वन एटीएम केवल एटीएम में कार्य करता है इसलिए इसका कोई स्थानीय ऑफिस भी उपलब्ध नही है साथ ही उपयोगकर्ता के बैंक ने भी दूसरे एटीएम के मामले को निजी क्षेत्र के एटीएम का मामला बता कर पल्ला झाड़ लिया, हालकि अब सवाल सिस्टम से है कि आरबीआई इस तरह के उपक्रमो को लाइसेंस तो प्रदान करता है लेकिन इसके द्वारा उत्पन्न समस्याओं के निदान के लिए क्या कोई उपक्रम निर्धारित किया गया है
अन्य लोगो ने शेयर किए अनुभव:
इस मामले पर जब उदय बुलेटिन ने लोगों से ऐसे अनुभव मांगे तो लोगो ने बताया कि यह पहली बार नही है जब लोगो को समस्याओं से दो चार होना पड़ता है, लेकिन जब 10 लोगो के साथ ऐसे वाकये पेश आते है तो शायद ही 2 लोग निर्धारित चैनल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा पाते है, जिससे एटीएम संचालक और कंपनी अवैध लाभ कमा लेती है, सरकार और आरबीआई को इस मामले पर कड़े कदम उठाने चाहिए