Prachand Helicopter: यूं ही नही एलसीएच से प्रचंड बन जाता हूँ मैं, अभाव, जिद और लगन मुझे बनाते है प्रचंड

सबसे पहले तो आपको एलसीएच और प्रचंड नाम मे कंफ्यूज नहीं होना है, दरअसल एलसीएच हेलीकॉप्टर का पूरा नाम उसकी कार्यशैली पर निर्भर है, यह बेहद हल्का अटैक हेलीकॉप्टर है इसलिए प्रोटोटाइप के वक्त से ही इसे एलसीएच कहा गया, यहां तक कि जब यह भारतीय थल सेना में शामिल हुआ तब भी इसे एलसीएच ही कहा गया ,लेकिन वायुसेना में शामिल होते वक्त इसे इसकी कार्यशैली की वजह से प्रचंड नाम दिया गया और प्रचंड नाम की परिभाषा बताने की जरूरत नहीं है.

Oct 4, 2022 - 22:37
Sep 30, 2023 - 16:52
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Prachand Helicopter: यूं ही नही एलसीएच से प्रचंड बन जाता हूँ मैं, अभाव, जिद और लगन मुझे बनाते है प्रचंड
Google Image - Prachand Helicopter

"कभी अभी आभाव और जरूरत आपको वह भी करने की हिम्मत देते है जो शायद आगे एक सदी तक भी नहीं कर पाते, लेकिन जब जरूरतों को पूरा करने और आत्मनिर्भर बनने की जद्दोजहद में हम उस मुकाम तक पहुँच जाते है कि कल के दिन हमें फिर वही दुश्वारियों से न जूझना पड़े तब भारत जैसे विकासशील देश खुद के लिए प्रचंड जैसा युद्धक और हमलावर हेलीकॉप्टर बना पाता है, अब भारत भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिसे अब अटैक हेलीकॉप्टर के लिए उसे रूस ,अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों की ओर नही देखना पड़ेगा, लेकिन यह महज एक हेलीकॉप्टर की बात नहीं है, हमारी जिद है जो एलसीएच ( लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर) नया नाम प्रचंड के रूप में सांमने आया है"

प्रचंड का स्वागत होता हुआ

आखिर कैसे महसूस हुई जरूरत:

कारगिल का वक्त जब भारत अपने दगाबाज पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ एक भीषण जंग लड़ रहा था, उस वक्त तक भारत को पाकिस्तान की इस धोखेबाजी का बहुत बाद में पता चला ,टैब तक पाकिस्तान के भाड़े के आतंकी और सेना के सिपाही कारगिल की ऊंची चोटियों पर अपनी पकड़ मजबूत कर चुके थे उस वक्त में भारतीय वायु सेना और थल सेना इस लड़ाई में ज्यादा वक्त न लगाते हुए इसे एक झटके में खत्म कर देना चाहती थी और दरकार थी एक अदद बेहतरीन लड़ाकू हेलीकॉप्टर की जो ऊंची पहाड़ियों पर जाकर दुश्मन की गोलियों का सामना करते हुए और माकूल जवाब देते हुए मामले को जल्द खत्म कर सके, लेकिन चूंकि उस वक्त तक भारत के पास ऐसे कोई बेहतरीन हेलीकॉप्टर भी नहीं थे , जो थे वो लड़ाकू नहीं थे ,खैर प्रयास के तौर पर भारतीय सेना ने मालवाहक और यात्री हेलीकॉप्टर के द्वारा इस प्रयास को काफी हद तक पूरा किया और उन्हें मदद भी मिली लेकिन इस जरूरत ने भारत को एक मकसद दे दिया, और भारत ने अपने रक्षा अनुसंधान केंद्रों को इस बारे में बताया ,जिन्होंने इस दिशा में खोज करना शुरू किया जिसका परिणाम इतने सालों के बाद आया.

हालांकि इसके बाद भारत ने चिनूक और अपाचे जैसे युद्धक और युद्ध क्षेत्र में खासा नाम रखने वाले हेलीकॉप्टरस की खरीद की,लेकिन ये हेलीकॉप्टर कारगिल और कारगिल जैसी अन्य हाई एल्टीट्यूट वाली जगहों पर अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहे थे, वजह थी इनका जरूरत से ज्यादा वजनी होना, और कहावत है कि जो जितना वजनी होगा वह जमीन के ज्यादा करीब होगा,  इसलिए ऊंचाई वाली जगहों पर भारत की उम्मीदें एक देशी हेलीकॉप्टर से जुड़ी रहीं जो अब जाकर साकार हुई है

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेरेमनी पूरी की

क्यो खास है प्रचंड: 

सबसे पहले तो आपको एलसीएच और प्रचंड नाम मे कंफ्यूज नहीं होना है, दरअसल एलसीएच हेलीकॉप्टर का पूरा नाम उसकी कार्यशैली पर निर्भर है, यह बेहद हल्का अटैक हेलीकॉप्टर है इसलिए प्रोटोटाइप के वक्त से ही इसे एलसीएच कहा गया, यहां तक कि जब यह भारतीय थल सेना में शामिल हुआ तब भी इसे एलसीएच ही कहा गया ,लेकिन वायुसेना में शामिल होते वक्त इसे इसकी कार्यशैली की वजह से प्रचंड नाम दिया गया और प्रचंड नाम की परिभाषा बताने की जरूरत नहीं है.

प्रचंड को समझने और महसूस करने के लिए आपको ये देखना पड़ेगा

वजन और ताकत : 

अगर इस देशी हेलीकॉप्टर के वजन और ताकत की बात करें तो यह हेलीकॉप्टर दो ताकतवर इंजनों के साथ आता है और वजन में  लगभग 6 टन के आसपास पहुचता है तो किसी अटैक हेलीकॉप्टर की श्रेणी में बेहद हल्का माना जाता है, वही इसके दो शक्तिशाली इंजन इसे बेहद ऊंचाई देने में सक्षम है, यही कारण है कि यह हेलीकॉप्टर अपने पूरे साजो सामान( गोला बारूद और मिसाइल्स )के साथ बेहद आसानी से  ऊंची से ऊंची जगह पर टेक ऑफ, लैंडिंग और अटैक कर सकता है, और अपनी फितरत के अनुसार दुश्मन को उसके अंजाम तक पंहुचा सकता है.

क्या है क्षमता:

चूंकि अब यह युद्धक और हमला करने वाला हेलीकॉप्टर है, सो इससे शांति की उम्मीद कम ही कि जाए तो बेहतर है यह हेलीकॉप्टर  अपनी नोज यानी कि नाक पर 20 एमएम की  गन लेकर चलता है जक 110 डिग्री पर घूमकर कहीं भी कहर मचा सकती है, और फायरिंग रेट के हिसाब से ये दुश्मन को संभलने का मौका नही देती है.

एयरफोर्स ने इन हेलीकॉप्टर की पहली खेप को राजस्थान में तैनात करने का निर्णय लिया है

वही इस हेलीकॉप्टर में  70 एमएम के राकेट को दागने की व्यवस्था है जो इसके माउंट पॉड पर दोनो तरफ  12-12 राकेट एक बार मे ले जा सकता है, एयर टू एयर मिसाइल लेकर हमला करना इस हेलीकॉप्टर की खासियत है, जो दुश्मन के किसी एयरबोर्न आर्टिकल को पलक झपकते खत्म कर देगी.

एयर टू सरफेस हमला: 

प्रचंड हवा से जमीन पर हमला करने में पूरी तरह माहिर है , जमीन में चलने वाले टैंक बख्तरबंद वाहनों को पल भर में नेस्तोनाबूद कर सकता है. पायलट अपने हेलमेट को महज घुमाकर प्रचंड में लगी हुई गन को किसी भी दिशा में मोड़कर फायर कर सकता है , और इसी हेलमेट में माउंट  डिस्प्ले में कॉकपिट के सभी  फीचर डिस्प्ले हो जाएंगे. प्रचंड काफी हद तक स्टेल्थ तकनीकी से लैस है ,जिसे दुश्मन द्वारा अपने रडार पर पकड़ना बेहद मुश्किल है. दुश्मन की गोलियां प्रचंड की बॉडी पर लगने से डरेंगी क्योकि प्रचंड की बॉडी को  आर्मर्ड तरीके से बनाया गया है, यही नही रोटर्स अर्थात पंखों पर दुश्मन की गोलियों से कोई नुकसान नहीं होने वाला.