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‘स्मार्ट’ क्या होता, लखनऊ से पूछो

रावण फूंकने के बाद ताजातरीन मज़ाक फिर सामने है। इनकी अदा है मज़ाक करने की। बैठे ठालें जब फुर्सत मिली तो कुछ नहीं, तो मज़ाक ही कर डाला। मज़ाक वह किया है जिसमें फायदा ज्यादा, नुकसान कम होता है। सरकारी…

जहर बुझे बाजार, सैंपल बटोरे सरकार

आप जहर बुझी व्यवस्था के नायक हैं। मिलावट खोरों, बढ़ता साम्राज्य, कालाबाजारियों के हौसलों की चरमता, भ्रष्टाचारियों की हनक भरी दास्तां, आर्थिक घोटालों की सनसनीखेज खबरों के बीच खो गया आम इंसान। सवाल उठता है, हम खा क्या रहे हैं…

सियासी फकीरों की सियासी ठगी

लोकतन्त्र यानी लोक का तंत्र, लोक मतलब जनता और जनता जब भीड़ तंत्र का सजावटी सच बन जाए तब राजनीति के तबेलों में पुत्र तंत्र का नजारा आम हो जाता है। भारत की सियासी फिजां में 'गरीब' शब्द बरसों से…

सिद्धा का फंसना

दामाद भू-माफिया, दामाद की सास की पार्टी का एक मुख्यमंत्री भी जमीन घोटालें की घेराबंदी में बदनामी का कटोरा लिए सामने हैं। जी हां ये मुख्यमंत्री है कर्नाटक के, इनकी पत्नी बी.एम पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में…

नौकरशाहों, नौकरी भी सलामत और कमाई भी

 नौकरशाहों और सरकार चलाने वाले खद्दर नवीसों के बीच संबंधो को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इसे विरादाना संबंधों के दायरे में भी रखा जा सकता लेकिन याराना की गुंजाइश से इनकार भी नहीं किया जा सकता। फर्क बस…

हां, मैं भी भारत हूं

दर्द और कचोटन मेरे जिंदगी का हिस्सा है, मैं मजदूर हूं, रोटी की चाहत का हर मुमकिन सौदागर हूं। धीरे-धीरे गांव में पसर रहे सन्नाटे की पहचान बन गया। लेकिन गांव की महक और चाहत हमें रोके रही। भूख और…

लखनऊ को मज़ाक बनाने की अदाकारी

ये कूड़ा भी गज़ब का फितरती है। वो उठाते हैं पर वो उठता नहीं। गीला-सूखा के बीच फंसकर वो दावों की इबारत लिख जाते हैं। कूड़े की पसरी सच्चाईयों के बीच लखनऊ के चौबारों का जिक्र कर लखनऊ की खूबसूरती…

गड्ढों की फितरत और उनकी मासूमियत

तर्ज, तंज, तर्क और तुक तो जस का तस है, बस चेहरों का फर्क नजार आता हैं। समझना होगा सत्ता के गलीचों को रौंदने की परम्परा तो पुरानी हैं। सियासत की मौजूदा हरारत बताती हैं, कुछ करने की सोच कुछ…

भीड़ के ये समंदर देखें नहीं जाते

भीड़ के समंदर में, उमस भरी चिलचलाती धूप, रेंगते ट्राफिक के बीच बसों में जानवरों की तरह ठुसे लोगों को आम आदमी कहते हैं। चौराहों पर थमे ट्राफिक, वाहनों जहरीले धुए के बीच साइकिल और ठेले के साथ खड़े जीव…

लखनऊ रसातल में पानी, सुधर जाओं या सुधार दो

सुखी धरती, तपता सूरज, बंजर होते ताल तलैया के बीच सिसकता लखनऊ, हालात न सुधरे तो हलक तर करने की गुंजाइश रह जाएगी। लखनऊ आज के तारीख में भू-गर्भ जल स्रोत छरण का सबसे बड़ा सच बनकर सामने है। भू-गर्भ…

और अब जातीय पूछों अपराधी की

मुंगेश यादव कई सवाल छोड़ गया, और सवाल के संजाल में तमाम प्रश्न कुछ यूं उलझे की अब न जवाब सूझ रहा है न ही किसी अपराधी की कुंडली का बहीखाता पेश किया जा रहा हैं। मसला ये नही की…

अमेरिका में मोहब्बत की दुकान का कर्मकांड

मोहब्बत की दुकान 2024 में खुली, थोड़ी बहुत चली, फिर लहजा बदला, रंग रौगन कर पुरानी काया में नए तेवरों की खुराक दी गई। लगा देश में बदलाव का तूफान बवंडर में बदल गया। 99 के चक्कर में मोंची से…

उत्तर प्रदेश रोडवेज, हर ख़म पर ज़ख्म

सुना है उत्तर प्रदेश परिवहन निगम 12 हजार बसों की मालिक है। अफसरों के चेहरे पर मालिकाना हक दूर से नजर आती हैं लेकिन बेचारी बसें अपने चाल-चलन के जरिए जर्जर बसों का तमगा लगाए। ऐसा इठलाती सामने हैं मानों…

अमेरिकी जख्म और भारत की पेंशन

मणिपुर क्यों सुलग रहा है! सीमावर्ती छोटा सा प्रदेश आग का दरिया बनकर सामने है। विदेशी हस्तक्षेप हकीकत बन चुकी है और भारत सरकार की नीतियों के चलते कुकी व मैतेयी आदिवासियों के बीच हिंसक झड़पों का सिलसिला धीरे-धीरे घातक…

और सरकार ने मुनादी कर दी

फरमान है, आम जनता के जानिब, अब शहर में पाबंदियों की बेजान व्यवस्था लागू कर दी गई। अब वो नहीं कर पाओगे जो करते रहे हो जो कि मुनादी है, लेकिन वो सब करते रहोगे जो अब तक करते रहे…

मुकम्मल शहर की दास्तां

आप हमारा इम्तहान मत लो, हम मुकम्मल स्मार्ट हैं। विश्वास न हो तो सरकारी फाइलों को पलट कर देख लीजिए। ये मेरी नफासत है कि खुद अपनी तारीफ नहीं करते। लेकिन पता नहीं क्यों हाईकोर्ट मेरी नफासत भरी नब्ज को…

टाइफून यागी के कहर से बर्बाद हुआ चीन, 82 लोगों की मौत

सुपर टाइफून यागी ने चीन ने बड़े पैमाने पर कहर बरपाया है। 200 से ज्यादा किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इसने हैनान प्रांत में दस्तक दी है और ‘चीन के हवाई’ में तो इतना बुरा हाल है कि वहां…

टेलीग्राम ! एक शातिर एप

आतंकवाद अब कश्मीर की वादियों से निकलकर उन इलाकों को गिरफ्त में ले चुका है जहां कभी सुकून का सच बिखरा नजर आता है। विशाखापत्तनम के बाद पाकिस्तान के लिए जासूसी का एक बड़ा नेटवर्क आकार लेता जिसमें उत्तर प्रदेश…

एक तमाशा! बारिश, ठेका और शहर

बारिश, ठेका और सरकारी विभागों की तालमेल की ये खूबसूरत दास्तां है। शहर या मुहल्ले डूबे या घरों में पानी घुसे या सड़कों पर अंधेरा पसरे, स्ट्रीट लाइट की चोरी हो, ठेकेदार जाने। लखनऊ नगर निगम के अफसर और कर्मचारी…

यू.पी. ! सियासत की मंडी में किरदारों की अदाकारी

सियासत की मौजूदा हरारत बताती है, जुमलों से इतर कुछ करने की सोच आज भी बाल बोध की महती कल्पनाओं के दायरों में है आए दिन होने वाली क्रांतिवीरो जैसी घोषणाओं का बढ़ता ज़ख़ीरा एक नयी समस्या के सामने आई।…

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार पर साधा निशान

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज…

उत्तर प्रदेश के शहरों ने वायु गुणवत्ता रैंकिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वच्छ…

काशी की पहल ‘लैब मित्रा’ को मिला ‘राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस’ का स्वर्ण पुरस्कार

मुंबई के जियो कन्वेन्शन सेंटर पर मंगलवार को…

पंडित कमलापति त्रिपाठी ने मूल्यों की राजनीति की- अजय राय

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने वाराणसी में…

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिवसीय सशस्त्र बल महोत्सव का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ छावनी…

राम हैं क्या!

चंद सवालों के बीच लोकतन्त्र की खुली बयार…

डेंगू ! सरकारी हसरतों का खुला पैगाम

कुछ इसी क्रियाकर्म के बीच डेंगू की रफ्तार…

दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण के लिए मिलेंगे अब 15 हजार रुपए

योगी सरकार ने दिव्यांगजनों को सशक्त करने की…

ये ज़ेहनी चिंगारी है

कहां तक रोकोगे आग से जब फिज़ा में…