क्या ममता दीदी को नाक के नीचे होते भ्रष्टाचार की जानकारी नही हुई ? बंगाल में असल खेला आया सामने
नेताओं और रिश्वतखोरी का चोली दामन का साथ है, लेकिन नैतिक जिम्मेदारी बनती है, जिसकी जवाबदेही ममता को स्वीकारनी ही होगी, भले ही राजनीतिक व्यक्तित्व होने के कारण ममता इसे सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग साबित करने का प्रयास करें लेकिन असल सच जनता पहचानती है, जनता इसे नकार नही सकेगी।
हमे फिल्मों के वो रिश्वतखोरी करने वाले किरदार बखूबी याद है जो रिश्वत खुलेआम नही लेते बल्कि एक तरीके से लेते है ताकि बाद में छीटें उनपर न आये, इसलिए रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी ने थाने के नजदीक एक पान की गुमटी पर बैठे व्यक्ति को अपना खजांची बना लिया है। वर्तमान के परिदृश्य को देखकर कुछ ऐसा ही नजर आता है, मामला राजनीति को लेकर बेहद चर्चा में रहने वाले राज्य पश्चिम बंगाल से जुड़ा हुआ है जहां पर ममता सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी इन दिनों अपने साथ बंगाल की समूची राजनीति को सकते में डालकर बैठे है, दरअसल 2014 से 2016 में हुई शिक्षक भर्ती को लेकर पार्थ पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लग रहे है, कुछ ऐसे तथ्य भी सामने आए जिसको लेकर मामला हाईकोर्ट में गया, इस याचिका क दो शिक्षक कैंडिडेट ने दायर किया था, हाई कोर्ट ने मामले की संजीदगी को देखते हुए सीबीआई जांच के लिए निर्देशित किया।
यहां आपको बता दे कि हाईकोर्ट के निर्देशन पर जहां सीबीआई ने जांच शुरू ही की थी तभी केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में समानांतर जांच शुरू कर दी और पार्थ चटर्जी की सहयोगी और बेहद करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर रेड मार दी, इस रेड के दौरान भारी मात्रा ने कैश
(लगभग 20 करोड़) पाया और जांच के दौरान ही अर्पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है, यहां आपको बताते चले कि अर्पिता न सिर्फ पार्थ की करीबी है बल्कि ममता भी अर्पिता के बारे में कई बार कसीदे पढ़ चुकी है, अर्पिता दुर्गा पूजा के समय भी बंगाल का चेहरा बन चुकी है।
Not too long ago, Mamata Banerjee, from an open platform, praised Partha Chaterjee’s close aide, from whose residential premise, ED seized a small sum of 20 crore. Mamata knew of her and the “good work” she was doing. Make no mistake, Partha wasn’t scamming on his own accord... pic.twitter.com/JP0jmDaXoW — Amit Malviya (@amitmalviya) July 23, 2022
पार्थ हुए गिरफ्तार, पूरे बंगाल में धड़कने बढ़ी:
अर्पिता के पास इतनी भारी मात्रा में कैश होने की वाजिब वजह न बता पाने पर प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता को तो गिरफ्तार किया ही और साथ मे सीआरपीएफ को इनके आवास पर तैनात भी कर दिया, साथ ही पार्थ चटर्जी के साथ पूंछताछ शुरू की गई लेकिन सहयोग न मिलने पर प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ को भी गिरफ्तार कर लिया साथ ही पार्थ के आवास पर भी लोकल पुलिस का भरोसा न करते हुए केंद्रीय बलों को सुरक्षा में तैनात कर दिया। हालांकि गिरफ्तारी के तुरंत बाद पार्थ चटर्जी के बीमार होने की खबर आई, जिसपर ईडी ने डॉक्टरों के द्वारा पार्थ की समुचित जांच कराई।
पूरी तृणमूल पार्टी समेत ममता बैकफुट पर:
इस मामले के खुलकर सामने आने पर बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस ने अपने बयानों में अपना पल्ला झाड़ने की असफल कोशिश की है और कहा कि तृणमूल कांग्रेस का इस मामले से कोई लेना देना नही है, इस मामले में जो भी व्यक्ति आरोपी है उसके वकील इस मामले पर जवाब देंगे। लेकिन हर मुद्दे पर खुलकर बोलने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है, हालांकि बंगाल में भाजपा इस मौके पर बेहद हमलावर हो रही है, कुल मिलाकर ममता बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस इन दिनों बैकफुट पर है और खुद को पाक साफ बनाये रखने के उपायों पर गौर कर रही है।
#WATCH | Mamata Banerjee is breaking all the records of corruption. 'TMC' stands for 'The Mountain of Corruption.' Corruption is running rampant in her party and her government. Her ministers have a free hand to indulge in corruption: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/Jjum9PPVYO — ANI (@ANI) July 23, 2022