शिंजो आबे की हत्या, भारत पर इसका क्या असर होगा ?
जापान के पूर्व पीएम शिंज़ो आबे को चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान बीते दिन शुक्रवार को गोली मार दी गई थी। इस खबर के बाद जापान के साथ पूरा भारत भी उनके निधन से शोक में डूब गया।
जापान के पूर्व लोकप्रिय प्रधानमंत्री और भारत के बेहद नजदीकी विदेशी राजनेता बीते दिन एक हत्यारे की गोलियों का शिकार हो गए, लगभग चालीस वर्षीय व्यक्ति ने कैमरानुमा पिस्टल से दो गोलियां चलाकर शिंजो को जमीन पर गिरा दिया, घायल शिंजो का इलाज के दौरान निधन हो गया, मारने वाले व्यक्ति ने कहा कि मुझे शिंजो की नीतियां पसंद नहीं थी इसलिए उसने उनपर गोलियां चलाई, हालाँकि इस घटना को केवल इस एंगल से देखा जाना नाइंसाफी होगी, और इस घटना से भारत मे क्या हलचल हुई और जापान के साथ भारत के संबंधों को क्या नुकसान हुआ ये समझना होगा।
भाषण देने के दौरान हुई हत्या:
ज्ञात हो कि बीते दिन जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे जापान के नारा शहर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे तभी लगभग चालीस से इकतालीस वर्षीय व्यक्ति तेतयुसू यमागामी ने कैमरानुमा हथियार से शिंजो आबे पर पीठ की तरफ से दो गोलियां चलाई, जिससे शिंजो आबे तुरंत जमीन पर गिर गए, हालांकि गिरने पर भी लोग इस घटना के पीछे का कारण नही समझ पाए, क्योंकि जापान में इस तरह की राजनीतिक हत्याओं का होना आम नही है, भारत ही क्या जितने भी सभ्य लोकतंत्र इस दुनिया मे है या विकसित लोकतंत्र है वहां सुरक्षा के चलते अब इस तरह की घटनाएँ बेहद कम ही नजर आती है, जहां पर किसी राष्ट्र के पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की हत्या कर दी जाए, बहरहाल शिंजो आबे को तुरंत उपचार के लिए ले जाया गया, बचाने के सभी प्रयास भी किये गए लेकिन आखिर में शिंजो आबे के शरीर से ज्यादा रक्तस्राव होने के कारण मृत्यु हो गयी, इस हत्याकांड को लेकर भारत समेत लगभग पूरे विश्व मे शोक की लहर है (यहां लगभग पूरे विश्व को क्यों इंगित किया गया है इसका अंदाजा आप लेख के अंत तक समझ ही जाएंगे)
भारत मे उमड़ा भावनाओं का ज्वार:
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की दुःखद मृत्यु के बाद भारत मे भावनाओं का ज्वार बह निकला खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से शिंजो आबे की मृत्यु को लेकर कई ट्वीट किए जिसमें पीएम ने आबे को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की, पीएम ने शिंजो आबे के बारे में लिखते हुए बताया कि..
जापान और विश्व ने एक महान दूरदर्शी नेता खो दिया, और मैंने खुद एक अच्छा दोस्त खोया है
As far as global leadership is concerned, Abe San was ahead of his times. The Quad, the ASEAN-led forums, the Indo Pacific Oceans Initiative, the Asia-Africa Growth Corridor and the Coalition for Disaster Resilient Infrastructure all benefited from his contributions. — Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मेरी पहली मुलाकात श्री आबे से 2007 में हुई, उसके बाद आबे के साथ मेरी कई स्मृतियां है, जो लंबे वक्त याद रहेंगी, श्री आबे ने भारत और जापान के सम्बन्धों को नए आयाम और ऊंचाइयां दी, और भारत के विकास में ज्यादा गति दिलाने के लिए सहयोग किया।
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में आबे को समय से आगे सोचने वाला व्यक्ति बताया और भविष्य की रणनीति के लिए तैयार होने के लिए क्वाड जैसे संगठन में सहयोग देने वाला नेता बताया, और साथ मे यह भी कहा कि लोग उनके कॉन्ट्रिब्यूशन को याद रखेंगे।
क्या सिर्फ विचारधारा हत्या की बजह हो सकती है?
अगर हत्या करने वाले व्यक्ति की बातों पर भरोसा कर लें तो उसने आबे की हत्या महज इसलिए कर दी क्योंकि उसे आबे की नीतियां अच्छी नही लगती, लेकिन ये जवाब और बयान लोगों को महज उलझाने के लिए अच्छे है जबकि सच तो यह है कि हत्या इतनी सरल भी नही है, क्या कोई किसी देश के पूर्व प्रधानमंत्री को महज इसलिए मार सकता है कि उसकी नीतियां अच्छी नही है, हालांकि हत्या के बाद दुनिया के अलग ही गोले में जीने वाले देश चीन की सोशल मीडिया साइट वीबो पर अलग ही कहानी नजर आयी, यहां हालत ऐसे लगे मानो जापान में कोई हत्या नही हुई बल्कि चीन के किसी बेहद बड़े दुश्मन से मुक्ति मिल गयी हालाँकि देर शाम जब दुनिया भर में चीन की फजीहत हुई उसके बाद चीन की सरकार ने इस घटना से स्तब्ध होने का बयान जारी किया, लेकिन अब ईश्वर ही जाने की ये डैमेज कंट्रोल किस चक्कर मे किया गया है।
दरअसल चीन के लोगों और चीनी सरकार के पास खुश होने का कारण भी है, शिंजो आबे हमेशा और लगभग हर बड़े मौके पर चीन और चीन जैसी विस्तारवादी ताकतों के ऊपर खुलकर बोलने से नही चूकते थे, यही कारण है कि विश्व के बड़े मंचो पर जापान जैसे देश के मुखिया के द्वारा सच बोले जाने पर चीन को बैकफुट पर आना पड़ता रहा है
वहीं भारत के प्रति आबे का रुख सदैव दोस्ताना रहा है, फिर चाहे विकाश के लिए तमाम परियोजनाओं में शामिल होकर सहयोग करने का अवसर रहा हो या फिर भारत के साथ व्यापार में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली नीति रही हो, श्री आबे ने हमेशा से यह कहा है कि उनकी जड़े भारत के दर्शन और इतिहास में है, यही कारण है कि अन्य विस्तारवादी देश जापान और भारत की इस बड़ी दोस्ती को लेकर चिंता में रहे है
भारत मे दुःख हुआ लेकिन इसपर भी राजनीति हुई:
भारत मे आबे की हत्या को लेकर तमाम लोगों ने अपने-अपने विचार साझा किए लेकिन उनमें भी राजनीतिक बू आने लगी, कई नेताओं को हत्यारे के बैकग्राउंड और भारत मे अग्निवीर भर्ती में समानता नजर आने लगी, जो कि न सिर्फ गलत है बल्कि ह्रदय के उथलेपन की छवि प्रस्तुत करती है।
The official spokesperson of Congress has chosen even the tragic passing away of Shinzo Abe to do petty politics
Here is his tweet link before he deletes it https://t.co/WKgocwEDFI
I wonder if Sonia & Rahul Gandhi will sack this atrocious person ! Have some limits please ???? pic.twitter.com/3LMzss4s2H — Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) July 8, 2022