Twitter Data Privacy Case: अमेरिकी ने ट्विटर पर लगाया 150 मिलियन डॉलर का जुर्माना, ट्विटर ने यूज़र्स के ईमेल और फ़ोन नंबर का किया गलत इस्तेमाल
अमेरिका की सरकार ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि मई 2013 से सितंबर 2019 तक ट्विटर ने अपने यूजर्स को बताया कि वह ट्विटर अकाउंट की सुरक्षा के लिए उनकी ईमेल आईडी और फोन नंबर का डाटा अपने पास इकट्ठा कर रहा है, लेकिन ट्विटर इस डाटा का इस्तेमाल विज्ञापनदाताओं (Advertiser) को ग्राहकों को टारगेट करने में मदद करने के लिए कर रहा था।
ट्विटर अपने यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी की रक्षा करने में विफल रहने के कारण में 150 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरेगा। यह भारी-भरकम जुर्माना अमेरिकी सरकार ने लगाया है जोकि 2022 की पहली तिमाही में ट्विटर के राजस्व का लगभग 13 प्रतिशत जुर्माना है। ट्विटर पर आरोप है कि छह साल की अवधि में वह यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी की रक्षा करने में विफल रहा। अमेरिका के न्याय विभाग और संघीय व्यापार आयोग ने बुधवार को ट्विटर के साथ समझौते की घोषणा की। अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग और न्याय विभाग ने कहा कि कंपनी को 'भ्रामक रूप से एकत्रित' डेटा से आगे किसी तरह का लाभ उठाने से प्रतिबंधित किया जाता है। साथ ही कंपनी को 140 मिलियन से अधिक अपने यूजर्स को सूचित करना होगा कि ट्विटर ने टारगेटेड विज्ञापन के लिए उनके फोन नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग किया। फिर यूजर्स चाहें तो ट्विटर से हर्जाने की मांग भी कर सकते हैं।
केस से जुड़े रेगुलेटर्स ने दायर किये गए संघीय मुकदमे में यह भी आरोप लगाया कि ट्विटर ने झूठा दावा किया कि उसने यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड के साथ अमेरिकी गोपनीयता समझौतों का अनुपालन किया है
मामले से जुड़े रेगुलेटर्स का आरोप है कि ट्विटर ने 2011 के संघीय व्यापार आयोग (Federal Trade Commission) के आदेश का उल्लंघन करते हुए कहा कि यह यूजर्स की गैर-सार्वजनिक संपर्क जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा को अच्छी तरह बनाए रखता है। यह एक झूठ था और यूजर्स को धोखा देने जैसा था। मई 2013 से सितंबर 2019 तक, ट्विटर ने अपने यूजर्स को बताया कि वह आपके ट्विटर अकाउंट की सुरक्षा के उद्देश्य से उनके फोन नंबर और ईमेल आईडी एकत्र कर रहा है। लेकिन ट्विटर ने यूजर्स की इन जानकारियों का इस्तेमाल टारगेटेड ऑनलाइन विज्ञापन भेजने में भी किया।