राजनीति और भ्रम जालों के बीच फसता हुआ सोनू, बच्चे की मदद के नाम पर खुद का चेहरा चमका रहे लोग

बिहार का नीमाकोल गांव फिल्म पिपली लाइव की याद ताजा कर रहा है। जैसे पिपली लाइव फिल्म में न्यूज चैनल वालों का तांता लगा रहता था, ठीक उसी तरह से बिहार के नीमाकोल गांव में साेनू का इंटरव्यू करने के लिए न्यूज चैनल से लेकर सोशल मीडिया वालों का ताँता लगा रहता है।

May 22, 2022 - 21:40
May 22, 2022 - 21:42
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राजनीति और भ्रम जालों के बीच फसता हुआ सोनू, बच्चे की मदद के नाम पर खुद का चेहरा चमका रहे लोग
सोनू कुमार बिहार

अपने अधिकारों की बात करना बेहद आवश्यक है लेकिन जब अधिकार बढ़ते-बढ़ते सीमाओं का उल्लंघन करने लगें तो चिंता पैदा होने लगती है। मामला बिहार के सोनू से जुड़ा हुआ है छठी क्लास में पढ़ने वाले सोनू ने बिहार सरकार और सिस्टम पर भारी सवाल उठाए थे, जिसके बाद सवालों के साथ-साथ मांगो का दौर भी शुरू हुआ जिनको पूरा करने की कवायदें भी शुरू हुई, लेकिन अब ये मांगो का सिलसिला इतना लंबा होता जा रहा है मानों कभी पूरी नही होगी आइए इस मामले पर पड़ताल करते है 

इस मामले की शुरुआत इस तरह से हुई कि बिहार के इस ग्यारह वर्षीय बच्चे सोनू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक कार्यक्रम के दौरान बिहार की शिक्षा के बारे में पोल को खोल खोल दी और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बच्चे के सामने झेंपते हुए नजर आए। हालाँकि ग्यारह वर्षीय सोनू और नीतीश कुमार के बीच इस बातचीत को लेकर देश दुनिया मे चर्चे तब हुए जब इसका वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने बिहार की शिक्षा प्रणाली और बिहार के सोनू की जायज मांगो को लेकर समर्थन देना शुरू कर दिया। जरा आप भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सोनू के बीच हुई बातचीत पर नजर डालें जिसमें सोनू दृढ़ता के साथ अपनी बात कहता हुआ नजर आ रहा है। 

क्या थी सोनू की मांग:

बिहार के मुख्यमंत्री से सोनू की मुलाकात होने पर सोनू ने अपनी शिक्षा के बारे में बात कही, सोनू ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार से कहा कि वह अच्छी शिक्षा प्राप्त करना चाहता है जबकि सरकारी स्कूल में शिक्षक केवल गप्प मारने आते है और उसके एक शिक्षक को अंग्रेजी पढ़ाना नही आता,  और पिता के शराबी होने की बात भी कही, वायरल वीडियो में नीतीश कुमार इस मामले पर स्कूलों की गुणवत्ता पर झेंपते हुए नजर आए। 

फिर वीडियो हुआ वायरल:

इस घटना के बाद वायरल वीडियो में सोनू को देश भर से जबरदस्त समर्थन मिला और आम जनता के साथ-साथ फिल्मी सितारों और राजनेताओं के द्वारा भी सोनू को अपने-अपने ढंग से मदद देने की पेशकश की जाने लगी। इस मामले पर बिहार सरकार द्वारा सोनू को उच्च शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल भेजने की बात कही गयी। हालांकि सत्ता पक्ष से पहले सोनू को विपक्ष द्वारा फुसलाया जाने लगा, इस क्रम में लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव ने वीडियो कॉल पर सोनू से बात की जिसमें सोनू ने आईएएस बनने का सपना बताया। हालांकि इस वीडियो में खुद तेजप्रताप शर्मिंदा होते हुए नजर आ रहे है। 

सोनू ने सोनू की मदद की:

इसके बाद यह मामला केवल बिहार तक सीमित नही रहा बल्कि बिहार के सोनू की धमक बिहार से निकल कर माया नगरी पहुँची  मसीहा के तौर पर विख्यात सोनू सूद से अन्य लोगों ने सोनू की शिक्षा को लेकर बात कही सोनू सूद ने तत्काल प्रभाव से सोनू के लिए बढ़िया आवासीय स्कूल की व्यवस्था कर दी, और अच्छे जीवन की शुभकामनाएं दी। 

मदद का दौर थमा नहीं:

सोनू के वायरल वीडियो ने बिहार की राजनीति को लगभग हिला ही दिया इस मामले पर राजनेताओं में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पप्पू यादव ने इस मामले में अपनी दिलचस्पी दिखाई। भाजपा नेता सुशील मोदी ने जहां सोनू की शिक्षा पर खर्च होने वाले पैसों को दिए जाने की बात कही और स्कूल में एडमिशन कराने की भी बात कही वहीं बिहार की जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने सोनू से मिलकर फौरी तौर पर 50,000 रुपये की मदद दी और पटना के स्कूल में एडमिशन कराने की बात कही। 

अब सोनू का अंदाज बदल रहा है:

इस मामले पर सोनू की मांगों के अलावा और कुछ बचता नही दिखाई दे रहा है, अगर मामले को गौर से देखें तो सोनू की मांगे लगातार जैसी की तैसी बनी हुई है। सोनू की मांगों की शुरुआत अच्छी शिक्षा से शुरू हुई थी जो वास्तव में जायज थी, लेकिन जब सोनू को शिक्षा के लिए बिहार सरकार, विपक्ष नेता पप्पू यादव, तेजस्वी यादव, और अभिनेता सोनू सूद द्वारा अच्छे स्कूल में एडमिशन की बात की जा रही है ऐसे वक्त में सोनू द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अच्छी शिक्षा मांगने का वाकया काफी नाटकीय लगता है अगर इस मामले को शुरुआत से देखें तो लगता है कि बिहार का ग्यारह वर्षीय बच्चा सस्ती और गंदी राजनीति का शिकार हो चुका है। जिस वीडियो को लेकर सोनू की प्रसिद्धि बढ़ी अब उसको मीडिया के लोगों से खतरा लग रहा है, हद तो तब हो गयी जब सोनू ने सुरक्षा की मांग कर दी, हालांकि मीडिया का एक बच्चे को लेकर इतना बवाल करना भी किसी प्रकार से जायज नही है। 

सोनू की शिक्षा यक्ष प्रश्न हो रही है:

महज कुछ दिन पहले जो सोनू शिक्षा के लिए बिहार के मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहा था, अब उसकी मांगे अलग-अलग प्रकार से रंग बदल रही है कभी सोनू सैनिक स्कूल में जाने की बात करता है तो कभी एक विशेष शिक्षक की बुराई में व्याख्यान कर रहा है। इस मामले पर नजदीक से नजर रखने वाले सूत्रों ने तो इस बात की पुष्टि भी कर दी कि यह मामला अब केवल सोनू और सोनू की शिक्षा तक सीमित नही रहा बल्कि सोनू की जुबान में गंदी राजनीति की बू आ रही है और ग्राम प्रधान जैसे छुटभैये नेताओं द्वारा सोनू से वह कहलवाया जा रहा है जो वो खुले मंच से नहीं कह सकते हालाँकि अपने अधिकारों की बात करना कोई गलत बात नही है, लेकिन बार-बार बदलती हुई मांगे और बड़बोलापन भविष्य के लिए समस्या बन सकता है। 

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध