पुरुष सौंदर्यीकरण की दौड़ में भाग रहा है, और निर्माता जेबें भर रहे है

पुरुष नैसर्गिक सुंदर है, उसे किसी सौंदर्य प्रसाधन की आवश्यकता नही है

Jun 30, 2022 - 23:53
Jun 30, 2022 - 23:54
 0  399
पुरुष सौंदर्यीकरण की दौड़ में भाग रहा है, और निर्माता जेबें भर रहे है
Men's Beauty Products Market
पुरुष सौंदर्यीकरण की दौड़ में भाग रहा है, और निर्माता जेबें भर रहे है

कास्मेटिक कंपनियां अब भारत के पुरुषों को निशाना बना रही है और सुंदर बनने की होड़ में पुरुष भी अपनी जेबें खाली कर रहा है

बहुत लंबा ढोंग है:

वैसे अगर सौंदर्यीकरण के मानकों को तय करने वालों से एकांत में बैठाकर पूंछा जाए कि आखिर पुरुषों की सुंदरता का मानक क्या है तो स्थिति किंकर्तव्यविमूढ़ता वाली हो सकती है, क्योंकि बाजार में पुरुषों की दो तरह की सुंदरता की बात कही जाती है, एक तरफ जहां पुरुषों को क्लीन शेव/ गोरा चिट्ठा बनाने की बातें बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई सुनाई जाती उसके लिए मार्केट में हजारों उत्पाद अपने-अपने विज्ञापनों से लदे पड़े है वहीं दूसरी तरफ पुरुषों की घनी दाढ़ी और बड़ी मूंछों के लिए हजारों हजार रुपयों की कीमत वाले महंगे उत्पाद उपलब्ध है, अब जहां तक हम एकमत होकर सोचते है तो एक बात समझ मे आती है कि आखिर सही कौन है ? गोरा चिट्ठा चिकना पुरुष या घनी दाढ़ी वाला पुरुष तो स्थिति बेहद अजीब हो जाती है, किसी सौंदर्यशास्त्र के ज्ञानी के पास ऐसा तर्क नही है जो इस बात का पक्का प्रमाण दे सके कि आखिर पुरुष की सुंदरता का प्रमाण यही है

पुरुष का बाजार महिलाओं से ज्यादा बढ़ रहा है:

अगर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के प्रयोग में लाये जाने वाले उत्पादों की कीमत की बात करें तो अधिकांश तौर पर थोड़े बहुत नही बल्कि कई गुना महंगे है, कभी बड़ी बियर्ड (दाढ़ी) के नाम पर प्याज का तेल 1000 रुपये की कीमत में बेचा जाता है तो कभी मेंस शैम्पू को अन्य शैम्पू की तुलना में कई गुना महंगा करके बेंच दिया जाता है, और वजह है कि यह पुरुषों के लिए है, यही नही इन उत्पादों को पुरुष हाथों हाथ खरीद भी लेते है क्योंकि इन उत्पाद निर्माता कंपनियों ने पुरुषों की नब्ज पकड़ ली है।  

और इस नब्ज की शुरुआत होती है लुभावने विज्ञापन से, जिसमें नई युवतियां पुरुषों के द्वारा इन उत्पादों के प्रयोग किये जाने की वजह से आकर्षित हो जाती है, अब इन निर्माताओं को कौन बताये की ऐसा कौन ज्ञानी पुरुष और महिला है जो बिना देखे हुए पुरुष के काले और डैंड्रफ मुक्त बालों को देखकर उत्पाद का नाम बता दे, जो उसने लगाए होंगे। 

आखिर क्या है अंतिम इलाज:

देखिए जब तक दुनिया मे सिनेमा है और उसके बीच विज्ञापन है तब तक बाजार ऐसे ही सजता रहेगा और लोग मूर्ख बनते रहेंगे, नारियों का तो पता नही लेकिन पुरुषों के बारे में बड़े बुजुर्गों ने सुंदरता का बड़ा सटीक वर्णन किया है, जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहो, कर्त्तव्य पूरे करते रहो साफ रहो स्वच्छ रहो बस हो गयी सुंदरता, क्योंकि पुरुष नैसर्गिक सुंदर होता है, उसे किसी बाहरी और विशेष सौदर्यीकरण की जरूरत नही होती, फिर चाहे वह प्राकृतिक रूप से दाढ़ी को रखे या दाढ़ी न रखे, बाल काले रखे या उम्र पाकर भूरे हुए बाल उसके सर की शोभा बनाये। 

डिस्क्लेमर: इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार प्रस्तुत किये है, इस लेख से लोगों की असहमति हो सकती है

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध