इंटरनेट एक्सप्लोरर हुआ रिटायर, 27 साल लंबा रहा गौरवशाली सफर

90 के दशक मेंं इंटरनेट एक्सप्लोरर (Internet Explorer) वेब ब्राउज़र की शुरुआत हुई थी लेकिन अब 27 साल बाद Microsoft ने अपने इस वेब ब्राउजर को बंद करने का फैसला कर लिया है।

Jun 16, 2022 - 10:57
Jun 16, 2022 - 10:58
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इंटरनेट एक्सप्लोरर हुआ रिटायर, 27 साल लंबा रहा गौरवशाली सफर
Internet Explorer Retirement

आखिरकार माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विंडोज से इंटरनेट एक्सप्लोरर के सभी प्रकार के वर्जन से रिटायर कर दिया, ज्ञात हो कि इंटरनेट एक्सप्लोरर ने इंटरनेट सर्फिंग की बड़ी परिभाषा दी थी, जिससे लोगों के सामने इंटरनेट की दुनिया ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में सामने आती रही लेकिन अब वक्त बदल चुका है और बदलते वक्त में माइक्रोसॉफ्ट ने विकल्प के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट एज को उपयोगकर्ताओं के लिए उतारा नतीजन अब इंटरनेट एक्सप्लोरर 27 साल बाद अपने सफर को समाप्त कर चुका है। 

शुरुआत से लेकर अब तक जारी रहा सफर:

अगर बात विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम की करें और इससे इंटरनेट की बात जुड़ जाए तो इंटरनेट एक्सप्लोरर की की बात अछूती नही है, शुरुआत में जब विंडोज में इंटरनेट सर्फिंग की शुरुआत हुई तो 16 अगस्त 1995 को इंटरनेट एक्सप्लोरर की आवक हुई और यह सफर अनवरत चलता रहा और यह सफर 15 जून 2022 तक चलता रहा, इस दौरान इंटरनेट एक्सप्लोरर ने कई बार उतार चढ़ाव के दौर देखे, हालांकि अब माइक्रोसॉफ्ट ने समय और उपभोक्ताओं की मांग के चलते इसके समापन की घोषणा कर दी है। 

अगर यूजर बेस की बात करें तो साल 2003 में इंटरनेट एक्सप्लोरर का यूजर बेस लगभग 94 फीसदी था लेकिन इसके बाद इंटरनेट एक्सप्लोरर तेजी के साथ गिरने लगा था और हालात यह हो गए कि आगे चलकर यह 2 फीसदी तक पहुँच गया और यह हालत बने इंटरनेट के बाजार में जुड़ते हुए खिलाड़ियों मसलन गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स बगैरह के आने से हालात बद से बदतर होते गए और ये अन्य वेब ब्रॉउजर महज इसलिए प्रशिद्ध हुए क्योंकि इनका साइज बेहद कॉम्पेक्ट था, किसी भी वेब पेज को डाऊनलोड करने में बेहद कम समय लेते थे और सबसे अहम बात ये भी थी कि ये ब्रॉउजर क्रोमियम पर बने हुए थे, दरअसल ये ऐसा वक्त था जब इंटरनेट की दुनिया लगातार नए-नए प्रयोग कर रही थी जबकि माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर के ऊपर सिर्फ नए वर्जन लाने का काम किया, तकनीकी का अपग्रेड तो हुआ लेकिन ब्रॉउजर भारी और धीमा होता गया, एक वक्त यह भी आया कि लोग इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल महज इसलिए भी करने लगे कि वह गूगल क्रोम और मोजिला फायरफॉक्स अथवा ओपेरा ब्रॉउजर इंस्टाल कर सकें। 

क्या होगा विकल्प?

ऐसा नही कि माइक्रोसॉफ्ट ने ब्रॉउजर के लिए मैदान छोड़ दिया हो, वक्त रहते माइक्रोसॉफ्ट ने बदलते हुए समय के साथ अपने आप मे परिवर्तन किया और  लगभग जनवरी 2015 को माइक्रोसॉफ्ट ने एक नया वेब ब्रॉउजर बनाया जिसके बनाने में वही तकनीक इस्तेमाल की जो क्रोम जैसे ब्रॉउजर को बनाने में होती है, कालान्तर में इसे माइक्रोफोन एज (EDGE) के नाम से जाना गया और वर्तमान में विंडोज 10 या 11 में ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ इनबिल्ट होकर आता है, सायबर सिक्योरिटी के जानकारों की माने तो माइक्रोसॉफ्ट का एज ब्रॉउजर न सिर्फ बेहद हल्का है बल्कि कई मायनों में इंटरनेट के बाजार में प्रतिस्पर्धा में लगे हुए अन्य थर्ड पार्टी ब्रॉउजर से सुरक्षित भी है क्योंकि विंडोज समय-समय पर इसके लिए अपग्रेड और सुरक्षा पैचेज लांच करता रहता है। 

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध