उप्र: महोबा की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएँ ध्वस्त, मरीज़ों से खुलेआम मांगी जा रही है रिश्वत

महोबा जिले की स्वास्थ्य सेवाएँ इस कदर बेहाल है कि यहां पर भर्ती हुए मरीज का बचना तब भी सम्भव नही है जबकि मरीज के परिजन अपने गहने बेचकर सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों की जेब गर्म कर रहे हो, ताजा मामला महोबा जिले से जुड़ा हुआ है, जहाँ पर स्टाफ नर्स ने बीमार व्यक्ति को आवश्यक रक्त चढ़ाने के एवज में पांच हजार वसूल लिए, जबकि रक्त की जगह रंगीन ग्लूकोज चढ़ा दिया।

Jun 1, 2022 - 00:23
Jun 1, 2022 - 00:27
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उप्र: महोबा की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएँ ध्वस्त, मरीज़ों से खुलेआम मांगी जा रही है रिश्वत
Mahoba Charkhari CHC

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में रिश्वतखोरी और नीचतापूर्ण कृत्य इस कदर हावी है कि इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, बीते दिनों एक मरीज सरकारी अस्पताल (चरखारी) में भर्ती हुआ था जहाँ अस्पताल के परिचालन मे शामिल स्टाफ नर्स ने मरीज के परिजनों से अचानक मरीज से संबंधित ब्लड की मांग रख दी, चूंकि वह समय ऐसा था कि परिजन चाह कर भी रक्त की उपलब्धता नहीं करा सकते थे,  हारकर परिजनों ने स्टाफ नर्स से ही रक्त की व्यवस्था कराने की गुजारिश की, इसपर स्टाफ नर्स ने साफ लहजे में बिना किसी हिचक के परिजनों से 5 हजार रुपयों की मांग कर दी, हालाँकि तीमारदार के पास उस समय पैसे उपलब्ध न होने के कारण उसने कानों के आभूषण बेचकर पैसे जुटाए और स्टाफ नर्स को सौंप दिए, लेकिन हद तो तब हो गयी जब तीमारदार ने गौर से देखा कि उसके मरीज को खून की जगह ग्लूकोज में लाल रंग (शायद कोई विटामिन का इंजेक्शन) मिलाकर चढ़ाया जा रहा है। परिजनों के शोर मचाने पर अस्पताल में हड़कंप की स्थिति हो गयी मामले की जांच अस्पताल में मौजूद लोगों द्वारा की गई तो पड़ताल में सारा मामला साफ हो गया। जिस तरह जान बचाने के लिए खून की मांग की गई थी उसकी जगह महज रंगीन ग्लूकोज चढ़ाया गया था, मामले पर जिला अस्पताल प्रशासन के हाँथ पैर भी फूल गए और बिना किसी आरोपी को दोषी बनाये हुए मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश होने लगी तब तक इस मामले पर जिले का मीडिया और सोशल मीडिया एक्टिव हो गया। 

मामला उप मुख्यमंत्री तक पहुँचा:

इसके बाद यह बात केवल महोबा जिले तक सीमित नही रही बल्कि इस मामले का वायरल वीडियो लखनऊ तक जा पहुंचा और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने स्वतः संज्ञान ले लिया, मंत्री जी ने महोबा जिले अंतर्गत चरखारी सीएचसी के इस वाकये पर कड़ा कदम उठाने की बात कही और महानिदेशक स्वास्थ्य को मामले की सारी जांच करके चार दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। 

बेहद खराब है स्थिति, महिला चिकित्सालय में भी हो रही जमकर वसूली:

इस तरह का मामला केवल चरखारी सीएचसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि महोबा जिले की स्वास्थ्य सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर लेटी हुई नजर आ रही है, महोबा सदर के महिला चिकित्सालय में इन दिनों दलालों और रिश्वतखोर लोगों का बोलबाला है, आरोपों के अनुसार यहां गर्भवती महिलाओं के परिजनों को किसी निजी अस्पताल की तर्ज पर सिजेरियन डिलेवरी के लिए अप्रत्यक्ष दवाब बनाया जाता है जिसके एवज में सुविधा शुल्क के नाम पर 5000 से लेकर 20000 तक रुपये वसूले जा रहे है। 

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध