सुप्रीम कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को पेशा माना, वेश्यावृत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को दिए ये निर्देश
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए साफ-साफ लहजे में कहा कि सेक्स वर्कर को भी सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है, वह उतने ही भारत के नागरिक है जितने अन्य लोग इसलिए सेक्स वर्करों का प्रत्येक प्रकार का उत्पीड़न बंद होना चाहिए
भारत मे सुप्रीम कोर्ट वक्त-वक्त पर देशवासियों के लिए अपने फैसले से नजीर पेश करता रहता है, ताजा मामला वेश्यावृत्ति और सेक्स वर्कर की जिंदगी से जुड़ा हुआ है दरअसल सुप्रीम कोर्ट में लंबे वक्त से वेश्यावृत्ति और इससे जुड़े हुए मामलों की सुनवाई चल रही थी और सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही इस मामले को लेकर बड़ा फैसला सुनाया, दरअसल इस मामले में मानवाधिकार और सेक्स वर्कर के जीवन, सम्मान और पेशे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ लहजे में कहा कि
वेश्यावृत्ति कोई अपराध नही बल्कि एक पेशा है और इस पेशे को भी अन्य पेशों की तरह लीगल मान्यता दी जाए
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि सेक्स वर्कर को भी आम आदमी जैसा जीवन जीने का अधिकार है। उन्हें सम्मान पाने का भी अधिकार है, पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वह यौनकर्मियों के साथ सम्मानजनक तरीके से पेश आये। पुलिस और प्रशासन सेक्स वर्कर के साथ मौखिक या शारीरिक तौर पर दुर्व्यवहार किसी भी स्थिति में न करे।
क्या है वर्तमान हालात?
सेक्स वर्कर और वेश्यावृत्ति को लेकर भारत मे लंबे वक्त से बहस चल रही है जिसपर केंद्र और राज्य सरकारें कभी एकमत नही हो पायी इसी कारण से विशेष समिति द्वारा मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया, हालांकि भारतीय दंड संहिता( आईपीसी) में वेश्यावृत्ति को पूर्ण रूप से कानूनी अपराध नही माना गया था लेकिन इससे जुड़े हुए कुछ कृत्य ऐसे थे जिन्हें अपराध की श्रेणी में रखा जाता था। जिसकी वजह से जानकारी के अभाव में सम्पूर्ण वेश्यावृत्ति भी अपराध की श्रेणी में आ जाती थी हालांकि नए निर्णय के बाद इस मामले पर सुधार आने की पक्की उम्मीद है
वेश्यावृत्ति पर क्या कहता हैं भारत का कानून?
इंडियन पेनल कोड (भारतीय दंड सहिंता) के मुताबिक, भारत में वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन इससे जुड़े कुछ क्रियाकलाप ऐसे हैं जोकि वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा हैं और भारतीय दंड सहिंता के कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं, जैसे...
- होटलों में वेश्यावृत्ति करना या कराना
- सार्वजनिक स्थानों पर वेश्यावृत्ति
- एक सेक्स वर्कर की व्यवस्था करके वेश्यावृत्ति में शामिल होना
- एक ग्राहक के लिए यौन क्रिया की व्यवस्था करना
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या है महत्वपूर्ण फैक्ट?
- पुलिस अब उन लोगों के मामले में कोई हस्तक्षेप नही करेगी जो आपसी सहमति के साथ सेक्स करते है
- सेक्स वर्कर भी कानून के प्रकाश में गरिमा और सम्मान के हकदार है और सरकारें यह प्रदान करना सुनिश्चित करें
- किसी भी बच्चे को सिर्फ इसलिए उसकी माँ से अलग नही किया जा सकता क्योंकि उसकी माँ वेश्या है
- अगर किसी सेक्स वर्कर के साथ यौन हिंसा/हमला होता है तो उसे वो सभी अधिकार मिलेंगे जो आम पीड़िता को मिलते है
- पुलिस छापेमारी के दौरान बेहद सावधानी बरते और सेक्सवर्कर के साथ शालीनता से पेश आये
- प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को दिए गए निर्देश में बताया गया कि छापेमारी के दौरान वह सेक्स वर्करों की पहचान उजागर करने से बिल्कुल बचें
दुनिया के अन्य देशों में वेश्यावृत्ति को लेकर क्या कानून है?
दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने वेश्यावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है जबकि कुछ अन्य देशों में वेश्यावृत्ति वैध है, इन देशों में वेश्यावृत्ति के पेशे से जुड़े यौनकर्मियों को मेडिकल सुविधाएँ और एक आम नागरिक की तरह सामाजिक लाभ भी दिए जाते हैं..
- ग्रीस में यौनकर्मियों को एक आम नागरिक की तरह समान अधिकार मिलते हैं लेकिन समय-समय पर यौनकर्मियों को स्वास्थ्य जांच के लिए जाना पड़ता है जिससे यौन संबंधित बीमारियों को काबू किया जा सके।
- कनाडा में वेश्यावृत्ति के लिए सख्त नियम हैं लेकिन यह लीगल है।
- न्यूजीलैंड में वेश्यावृत्ति सन 2003 से लीगल है, पब्लिक हेल्थ और रोजगार कानूनों के तहत लाइसेंस प्राप्त वेश्यालय भी संचालित होते हैं साथ ही इन्हें सभी सामाजिक लाभ भी मिलते हैं।
- फ्रांस में भी वेश्यावृत्ति लीगल है, हालांकि सार्वजनिक रूप से वेश्यावृत्ति करना या इसके बारे में बात करना लीगल नहीं हैं।
- जर्मनी में वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता दे दी गयी है, इस देश में सेक्स वर्कर को हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाता है, उन्हें पेंशन जैसे सामाजिक लाभ भी मिलते हैं लेकिन उन्हें टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।
पश्चिम बंगाल के आसनसोल स्थित यौनपल्ली के सेक्स वर्कर्स ने बांटी मिठाईयां
कोर्ट के फैसले के बाद यहाँ के सेक्स वर्कर्स में काफी ख़ुशी देखने को मिल रही है। फैसले के बाद यहां के सेक्स वर्कर्स ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मनाने के साथ ही कोर्ट को धन्यवाद भी दिया। इन सेक्स वर्कर्स कहना है कि अक्सर पुलिस द्वारा उन्हें और उनके ग्राहकों को परेशान किया जाता था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद वे अपना पेशा अन्य पेशेवर लोगों की तरह सम्मान से चला पाएंगे, पुलिस अब उन्हें परेशान नहीं कर पाएगी।