ईडी ने शाओमी पर कसा शिकंजा, 5551 करोड़ रुपये किये जब्त

"मामला भारत मे दिग्गज स्मार्टफोन/टेक कंपनी शाओमी से जुड़ा हुआ है जिसकी आर्थिक गड़बड़ी के चलते प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पांच हजार पाँच सौ इक्यावन करोड़ रुपये की जब्ती की है

May 1, 2022 - 10:39
May 2, 2022 - 08:35
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ईडी ने शाओमी पर कसा शिकंजा, 5551 करोड़ रुपये  किये जब्त
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ज्ञात हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने इसी वर्ष फरवरी माह में चीनी मूल की कंपनी के देश के बाहर भेजे जाने वाले अवैध पैसो के चलते जांच शुरू की थी ,और अब जाकर ईडी ने शाओमी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 में वर्णित प्रावधानों के तहत कार्यवाही को अंजाम दिया है। 

अवैध रेमिटेंसेज के चलते हुई कार्यवाही :

ईडी के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ने सन 2014 में भारत मे उत्पादों का परिचालन शुरू किया और सुबूत यह दर्शाते हैं कि अगले वर्ष 2015 से ही कंपनी ने भारतीय नियमो को तोड़मरोड़ कर  तीन विदेश आधारित एन्टीटीज को पैसे देने शुरू कर दिए , प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले में छिटपुट जानकारियां मिल रही थी पुख्ता सबूत मिलने पर फरवरी 2022 में जांच की शुरुआत हुई और आखिर में ईडी ने शाओमी के खाते में जमा रुपयों को  जब्त कर लिया। 

ज्ञात हो कि शुरुआत से ही शाओमी ने अपने नाम और उपनाम के जरिये से भारत मे व्यवसाय करना शुरू किया जिसमें शाओमी इंडिया, एमआई के जरिये भारत मे स्मार्टफोन, डिजिटल उपकरणों की ट्रेडिंग और वितरण का कार्य किया इस दौरान कंपनी ने  भारत मे निर्मित उपकरणों को भारत के ही प्रदाताओं से खरीदा लेकिन रॉयल्टी के नाम पर तीन विदेशी एन्टीटीज को पैसे भेजना बदस्तूर जारी रखा, कंपनी ने दस्तावेजों में इसे रॉयल्टी का नाम दिया लेकिन यह महज दिखावा था बल्कि  इस उपक्रम में ऐसे ऐसे दस्तावेज कंपनी द्वारा प्रयुक्त किये गए जो न सिर्फ असम्बधित थे बल्कि ये तर्क संगत ही नहीं थे, यही नही शाओमी ने पैसो को भेजते समय बैंकों को भी गलत जानकारी देकर भृम की स्थिति उत्पन्न की, जो कि फेमा एक्ट 1999 का खुला उल्लंघन साबित हुआ। 

शाओमी इंडिया ने कहा महज गलतफहमी हुई:

शाओमी इंडिया ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि हम भारत मे रहकर कार्य कर रहे है और भारतीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाते हैं, हमारे सभी बैंक  स्टेटमेंट कानूनी रूप से सही एवं वैध है, हमारे द्वारा जो भी रॉयल्टी  के लिए धनराशि बाहर भेजी गई है वह भी जायज और सही है,  हम भारत सरकार और नियामकों के साथ मिलकर कार्य कर रहे है। 

देखना यह होगा कि चीनी मूल की कंपनी इस मामले से खुद को बाहर कैसे निकालती है। 

Shivjeet Tiwari वकालत की पाठशाला में अध्ययनरत बुंदेली लेखक - धर्म से हिन्दू, विचारों से नवोन्मेषी, और पुरातन संस्कृति के साथ नवाचारों के प्रयोग के लिए प्रतिबद्ध